Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -23-May-2022

आज़ दावत है एक बुलावा आया है
भुख को सदा देकर रोटी ने बुलाया है

मगर शर्त है ये कि क़लम लानी होगी
शक्ल रोटी  की हु-ब-हू बनानी होगी

कोई कुंची न कोई रंग इस्तेमाल होगा
हर भूखा अहसास से मालामाल होगा

अजब है अपनी जगह कलम की जादूगरी
मगर दूर हुई है किताबों से कभी भुखमरी

मौला बस इतना कर तू इंसानियत पर अहसान
सिर पर छत न हो मगर भुखा न रहें कोई इंसान

अनीस 'राही'


   27
13 Comments

Shnaya

28-May-2022 01:12 PM

बेहतरीन

Reply

Seema Priyadarshini sahay

24-May-2022 02:06 PM

बेहतरीन

Reply

Punam verma

24-May-2022 11:02 AM

Nice

Reply